उनसे यूँ मुलाक़ात हुई कई दिनों के बाद.
यादों ने फिर घेर लिया, कई दिनों के बाद..
वक़्त ने दिखाई हमें बीते वक़्त की रफ़्तार...
लम्हे भी जवां हो गए कई दिनों के बाद....
थी कहीं कोई बात या था दुआओं का असर.
खुदा से तो नहीं बाकी, रह गया था कोई क़सर..
क्या बताऊँ आज हमारे कैसे थे हालात....
उनसे यूँ मुलाक़ात हुई कई दिनों के बाद....
दूरियां जैसे सिमट गयीं, यादों के पन्ने खुल गए.
बीते पलों के अहसास, नज़रों में जैसे घुल गए..
बयां कर सकता नहीं लम्हों की वो सौगात...
उनसे यूँ मुलाक़ात हुई कई दिनों के बाद....
देखते रहे एक दूजे को, वक़्त जैसे रुक गया.
दो दिलों के सामने आज, आसमां भी झुक गया..
आँखों से बस हो रही थी अश्कों की बरसात...
उनसे यूँ मुलाक़ात हुई कई दिनों के बाद....
-----------NIRAJ SHRIVASTAVA