Thursday 4 June 2015

तुम जो साथ हो तो

तुम जो साथ हो तो,

बारिशें गुनगुनातीं हैं,
ख्वाहिशें रंग लाती हैं,
दिल थाम के ज़रा सुन भी लो,
हवाएं कुछ सुनाती हैं |

तुम जो साथ हो तो,
ये वादियाँ महकती हैं,
मेरी धडकनें बहकती हैं,
मेरी नज़रें भी सनम तेरी,
नज़रों से बात करती हैं|

तुम जो साथ हो तो,
फ़लक भी मुस्कुराती हैं,
खुशबुएँ इठलाती हैं,
नाजाने क्यूँ ये कायनात,
मुहब्बत के गीत सुनाती हैं |

तुम जो साथ हो तो ....
तुम जो साथ हो तो ....

---© Niraj Shrivastava