उनकी नज़रों से जाम पी तो लूं
ज़िन्दगी थोड़ी तुझको जी तो लूं |
उनकी साँसों से ही ज़िंदा हूँ मैं,
सांसें उनको भी मैं, अपनी तो दूँ |
उनको देखूं तो धड़कता है ये दिल,
उनके इक़रार की भी, खुशखबरी तो लूं |
दर-पर्दा जब मिलतीं हैं, कहतीं हैं,
मैं तुम्हारी हीं बस, कहानी तो हूँ |
चलूँगा मौत मैं तेरे साथ भी,
उनकी अदाओं का मज़ा, अभी तो लूं |
-------© Niraj Shrivastava
* दर-पर्दा - चोरी छिपे