Monday 31 March 2014

उनकी नज़रों से जाम पी तो लूं

उनकी नज़रों से जाम पी तो लूं
ज़िन्दगी थोड़ी तुझको जी तो लूं |

उनकी साँसों से ही ज़िंदा हूँ मैं,
सांसें उनको भी मैं, अपनी तो दूँ |

उनको देखूं तो धड़कता है ये दिल,
उनके इक़रार की भी, खुशखबरी तो लूं |

दर-पर्दा जब मिलतीं हैं, कहतीं हैं,
मैं तुम्हारी हीं बस, कहानी तो हूँ |

चलूँगा मौत मैं तेरे साथ भी,
उनकी अदाओं का मज़ा, अभी तो लूं |

-------© Niraj Shrivastava

* दर-पर्दा - चोरी छिपे