Friday 1 November 2013

आओ दीपावली मनाएं

खुशियों  के यूँ दीप जलाएं ,
धरती अम्बर तक जगमगायें ,
मन के सारे द्वेष  मिटायें,
आओ दीपावली मनाएं ।

मीठी बोली हरदम बोलें ,
ह्रदय  के सारे द्वार को खोलें ,
अंधियारे को दूर भगाएं ,
आओ दीपावली मनाएं ।

समाज को जागृत करें,
संस्कारों में अमृत भरें,
अपने सब कर्त्तव्य निभाएं ,
आओ दीपावली मनाएं ।

-----Niraj Shrivastava