Monday 1 September 2014

चितचोर मोरा बालम, माने ना बतियां

चितचोर मोरा बालम, माने ना बतियां,
करे ज़ोरा-ज़ोरी मोसे, सारी सारी रतियाँ |

नैनों के बाण मोपे, ऐसे ये चलाये,
चुपके से आके हाय,घायल कर जाए,
सुध बिसरी से मोरी, मैं का करूँ हाय,
रोक ना पाऊं उसको, ऐसे वो सताए,
रोज़ हीं छेड़े मोहे, हाय रे मोरी सखियां |

चितचोर मोरा बालम, माने ना बतियां,
करे ज़ोरा-ज़ोरी मोसे, सारी सारी रतियाँ |

जी घबराए मोरा , जब परदेस वो जाये ,
राह निहारत मोरी, अँखियाँ पथराये ,
जब भी वो जाए,  मोरा नैन छलकाए,
कैसे मैं रोकूँ उसको, कोई तो बताये 
मन हर्षाये जब, आये उसकी चिट्ठियाँ ,

चितचोर मोरा बालम, माने ना बतियां,
करे ज़ोरा-ज़ोरी मोसे, सारी सारी रतियाँ |

---© Niraj Shrivastava

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